1. वैद्युत विभव का S.I. मात्रक है:
उत्तर: (A) वोल्ट
विश्लेषण: वैद्युत विभव का मात्रक वोल्ट (V) है, जो J/C के बराबर होता है।
2. एक बिंदु आवेश के कारण वैद्युत विभव का सूत्र है:
उत्तर: (A) V = kq/r
विश्लेषण: बिंदु आवेश के लिए विभव V = kq/r होता है।
3. समविभव सतह की विशेषता है:
उत्तर: (B) विद्युत क्षेत्र इसके लंबवत होता है
विश्लेषण: समविभव सतह पर विभव स्थिर होता है, और विद्युत क्षेत्र रेखाएँ इसके लंबवत होती हैं।
4. धारिता का S.I. मात्रक है:
उत्तर: (A) फैराड
विश्लेषण: धारिता का मात्रक फैराड (F) है।
5. संधारित्र की धारिता निर्भर करती है: (Bihar Board 2020)
उत्तर: (D) उपरोक्त सभी
विश्लेषण: धारिता C = ε₀εrA/d पर निर्भर करती है।
6. यदि दो संधारित्र श्रेणी में जुड़े हों, तो उनकी तुल्य धारिता होगी:
उत्तर: (C) C₁C₂/(C₁ + C₂)
विश्लेषण: श्रेणी संयोजन में 1/C = 1/C₁ + 1/C₂।
7. समांतर संयोजन में तुल्य धारिता होती है:
उत्तर: (A) C₁ + C₂
विश्लेषण: समांतर संयोजन में C = C₁ + C₂।
8. वैद्युत विभव ऊर्जा का सूत्र है:
उत्तर: (A) U = kq₁q₂/r
विश्लेषण: दो आवेशों के बीच वैद्युत विभव ऊर्जा U = kq₁q₂/r।
9. संधारित्र में संचित ऊर्जा का सूत्र है:
उत्तर: (A) U = ½CV²
विश्लेषण: संधारित्र की ऊर्जा U = ½CV² या U = ½qV।
10. यदि संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी दोगुनी कर दी जाए, तो धारिता:
उत्तर: (B) आधी हो जाएगी
विश्लेषण: धारिता C ∝ 1/d, अतः दूरी दोगुनी होने पर धारिता आधी हो जाती है।
11. वैद्युत विभव का कार्य होता है: (Bihar Board 2021)
उत्तर: (B) ऊर्जा का माप
विश्लेषण: वैद्युत विभव प्रति एकांक आवेश पर ऊर्जा को मापता है।
12. एक संधारित्र की धारिता 2 μF है। यदि इसे 200 V से चार्ज किया जाए, तो संचित आवेश होगा: (Bihar Board 2019)
उत्तर: (A) 400 μC
विश्लेषण: q = CV = 2 × 200 = 400 μC।
13. परावैद्युत माध्यम का प्रभाव धारिता पर होता है:
उत्तर: (A) धारिता को बढ़ाता है
विश्लेषण: परावैद्युत स्थिरांक (εr) धारिता को बढ़ाता है, C = ε₀εrA/d।
14. वैद्युत विभव का आयाम है:
उत्तर: (A) स्केलर
विश्लेषण: वैद्युत विभव एक स्केलर राशि है।
15. यदि संधारित्र की प्लेटों का क्षेत्रफल दोगुना कर दिया जाए, तो धारिता:
उत्तर: (A) दोगुनी हो जाएगी
विश्लेषण: धारिता C ∝ A, अतः क्षेत्रफल दोगुना होने पर धारिता दोगुनी हो जाती है।
16. वैद्युत विभव और विद्युत क्षेत्र के बीच संबंध है:
उत्तर: (A) E = -dV/dr
विश्लेषण: विद्युत क्षेत्र E वैद्युत विभव V के अवकलज के विपरीत होता है।
17. संधारित्र की ऊर्जा घनत्व का सूत्र है:
उत्तर: (A) u = ½ε₀E²
विश्लेषण: विद्युत क्षेत्र में ऊर्जा घनत्व u = ½ε₀E² होता है।
18. एक संधारित्र की धारिता 4 μF है और इसे 100 V से चार्ज किया गया है। संचित ऊर्जा है:
उत्तर: (A) 0.02 J
विश्लेषण: U = ½CV² = ½ × 4 × 10⁻⁶ × (100)² = 0.02 J।
19. समविभव सतह पर कार्य करने वाला बल:
उत्तर: (A) शून्य होता है
विश्लेषण: समविभव सतह पर कोई कार्य नहीं होता क्योंकि विद्युत क्षेत्र लंबवत होता है।
20. वैद्युत विभव का परिमाण निर्भर करता है:
उत्तर: (C) A और B दोनों
विश्लेषण: V = kq/r, जो दूरी और आवेश पर निर्भर करता है।
21. संधारित्र की धारिता का सूत्र है:
उत्तर: (A) C = ε₀εrA/d
विश्लेषण: यह समांतर प्लेट संधारित्र का सूत्र है।
22. यदि संधारित्र की प्लेटों के बीच परावैद्युत स्थिरांक दोगुना हो जाए, तो धारिता:
उत्तर: (A) दोगुनी हो जाएगी
विश्लेषण: धारिता C ∝ εr, अतः परावैद्युत स्थिरांक दोगुना होने पर धारिता दोगुनी हो जाती है।
23. दो संधारित्र 2 μF और 3 μF श्रेणी में जुड़े हैं। तुल्य धारिता है:
उत्तर: (B) 1.2 μF
विश्लेषण: 1/C = 1/2 + 1/3 = 5/6, अतः C = 6/5 = 1.2 μF।
24. दो संधारित्र 2 μF और 3 μF समांतर में जुड़े हैं। तुल्य धारिता है:
उत्तर: (A) 5 μF
विश्लेषण: C = C₁ + C₂ = 2 + 3 = 5 μF।
25. वैद्युत विभव ऊर्जा का मात्रक है:
उत्तर: (A) जूल
विश्लेषण: वैद्युत विभव ऊर्जा का मात्रक जूल (J) है।
26. एक संधारित्र का आवेश दोगुना करने पर संचित ऊर्जा:
उत्तर: (B) चौगुनी हो जाएगी
विश्लेषण: U = ½q²/C, अतः आवेश दोगुना होने पर ऊर्जा चौगुनी हो जाती है।
27. यदि संधारित्र की वोल्टेज दोगुनी हो जाए, तो संचित ऊर्जा:
उत्तर: (B) चौगुनी हो जाएगी
विश्लेषण: U = ½CV², अतः वोल्टेज दोगुना होने पर ऊर्जा चौगुनी हो जाती है।
28. परावैद्युत माध्यम के बिना संधारित्र की धारिता होती है:
उत्तर: (A) C = ε₀A/d
विश्लेषण: निर्वात में εr = 1, अतः C = ε₀A/d।
29. वैद्युत विभव का कार्य पथ पर:
उत्तर: (B) निर्भर नहीं करता है
विश्लेषण: वैद्युत विभव संरक्षी बल का कार्य है, जो पथ पर निर्भर नहीं करता।
30. एक संधारित्र को 100 V से चार्ज करने पर उसका आवेश 200 μC है। धारिता है:
उत्तर: (A) 2 μF
विश्लेषण: C = q/V = 200 × 10⁻⁶ / 100 = 2 μF।